5 Tips about भाग्य Vs कर्म You Can Use Today
5 Tips about भाग्य Vs कर्म You Can Use Today
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जब तक इंसान को कामयाबी मिलती रहती है वो अपने कर्म के गीत गाता है, और असफलता मिलते ही ज्योतिषी के पास भागता है
चाय वाला प्रधानमंत्री बन गया.( नरेंद्र मोदी )
हर चीज एक कर्म है, कुछ करना एक कर्म है और कुछ न करना भी एक तरह का कर्म है।
Jb insan dunia here m jnm lenta h uska bhagya pehle Hello teh ho jata h .karm to vo undesirable m krta h…es lyi luck overweigh the karma ..bcoz jo luck m likha hota h krm b usi ke acc hote h
(मुझे लगा जैसे मैं अपने ही बनाये हुए जाल में फंस रहा था)
भारतसुरक्षित वतन लौटने की खुशी क्या होती है... कोई इनसे पूछे, देख लीजिए वीडियो
ध्यान भी एक कर्म है, कुछ देखना, सुनना, बोलना, सोचना, ये सब क्रियाएं कर्म ही तो हैं। हम क्या देखते हैं और फिर वह देख के क्या सोचते हैं, यह कर्म ही तो हैं।
पूरे देश घूम – घूम कर जनसभाएं की
आचार्य जी– हां मैं ये सब जानता हूं, पर मैं तो आपसे वही पूछ रहा हो जो मेरे मन में आपकी बातों से सवाल बन रहे हैं। अच्छा आप खुद ही बताएं कि अगर हम भाग्य को बदल नहीं सकते और समय से पहले हमें कुछ नहीं मिल सकता, तो हम ज्योतिषाचार्य के पास जाकर भी क्या पा लेंगे?
न हि सुप्तस्य सिंहस्य प्रविशन्ति मुखे मृगा: ।।
आचार्य जी-बहुत अच्छे, मुझे यह जानकार खुशी हुई की आप गीता में भी विश्वास रखते हैं।
खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तकदीर से पहले
पर ऐसा कहने वालों की भी कमी नहीं होती कि सफलता या असफलता इंसान के कर्म से निर्धारित होती है, यानी कर्म हमेशा भाग्य से बड़ा होता है.
अगर कर्म ही बड़ा होता तो लाखों-करोड़ों लोग हाथों में अंगूठियाँ नहीं पहनते…जिसमे नीलम पहनने वाले अमिताभ बच्हन जैसी हस्ती भी शामिल हैं.
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